महाकवि गोस्वामी तुलसीदास जी का जन्म श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी को मनाया जाता है इस बार तुलसी जयंती आज अर्थात 27 जुलाई सोमवार के दिन मनाई जाएगी। रामभक्त गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना की थी और उसको जन-जन तक पहुंचाया था। ताकि भगवान राम की महिमा हर घर में हो, इसलिए उनको जन-जन का कवि भी कहा जाता है। इनको महर्षि वाल्मीकि का अवतार भी माना जाता है। तुलसीदास जी ने रामचरित मानस के अतिरिक्त कवितावली, दोहावली, हनुमान बाहुक, पार्वती मंगल, रामलला नहछू आदि कई रचनाएं की तुलसीदास जी की माता की मृत्यु हो जाने पर उन्हें अमंगल मान कर उनके पिता ने त्याग दिया था। इसलिए इनकी बाल्यवस्था बहुत कष्टों में गुजरी। इनका पालन दासी ने किया। लेकिन जब दासी ने भी उनका साथ छोड़ दिया तब खाने के लिए उन्हें बहुत कष्ट उठाने पड़े। लोग भी उन्हें अशुभ मान कर अपने द्वार बंद कर लेते थे। इतनी विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष ने ही उनके अस्तित्व को बचा कर रखा। तुलसी अपनी रचनाओं को ही माता-पिता कहने वाले वे विश्व के प्रथम कवि हैं। तुलसीदास का जन्म संवत 1554 की श्रावण शुक्ल सप्तमी के दिन अभुक्तमू...